Guru Nanak Jayanti Shayari 2021 | waheguru shayari | गुरु जयंती शायरी
माया ( धन ) को जेब में ही,
स्थान देना चाहिए, अपने हृदय में नहीं
-गुरूनानक
माया ( धन ) को जेब में ही,
स्थान देना चाहिए, अपने हृदय में नहीं
-गुरूनानक
सिर पर आपके माँ लक्ष्मी का हाथ हो,
चारो तरफ से आप पर धन की बरसात हो।
जीना है तो दीपक की तरह जिएं,
जो बादशाह के महल में भी,
उतनी ही रोशनी देता हैं,
जितनी किसी ग़रीब की झोंपड़ी में।
जिंदगी में गम है, गम में दर्द है,
दर्द में मज़ा है, ओर मज़े में हम हैं।
हम बुरे लोग है साहब,
हम बुरे वक्त में काम आएंगे।
ज्ञान देने वाले गुरु का बंदन है,
उनके चरणों की धूल भी चंदन है।
हमारी मोहब्बत से तो ये दुनिया भी वाकिफ है,
न हमने मंजिला बदली न हमने यार बदला।
में सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊ बडा,
पापा का तो प्यारा बच्चा हूँ।
कसूर ए मोहब्बत बस इतनी सी हो गई,
एक रात तनहाई मे कुछ इस कदर गुजर गई।
मेरे लिए एक प्यारी सी सुबह भी,
तुम्हारे बिन हमेशा अधूरी है।